पश्चिम बंगाल कैबिनेट ने सोमवार को राज्य संचालित विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में राज्यपाल जगदीप धनखड़ को हटाकर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
कैबिनेट ने राज्यपाल को निजी विश्वविद्यालयों में अतिथि के रूप में हटाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी, जिसमें राज्य के शिक्षा मंत्री उनकी जगह लेंगे।
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में राज्य द्वारा संचालित विश्वविद्यालय विभिन्न सरकारी विभागों, जैसे स्वास्थ्य, कृषि, पशुपालन और अल्पसंख्यक के अंतर्गत आते हैं।
कैबिनेट से प्रस्ताव पास होने के बाद इसे राज्य के विधानसभा में विधेयकों के रूप में पारित किया जाएगा, जहां सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस बहुमत में है।
हालांकि, संविधान के मुताबिक विधानसभा से पास किए गए विधेयकों को प्रभाव में आने से पहले राज्यपाल की सहमति जारूरी होती है।
26 मई को राज्य मंत्रिमंडल ने धनखड़ को हटाने और ममता को उनकी जगह चांसलर बनाने का एक रेसोल्यूशन पारित किया था, जिसके बाद यह प्रस्ताव आज कैबिनेट के समक्ष लाया गया।
बीते कुछ महीनों में विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार और राज्यपाल कई मौकों पर आमने-सामने खड़े दिखाई दिए हैं।
कुछ इसी तरह, पिछले महीने तमिलनाडु ने एक विधेयक पारित किया था जिसमें राज्यपाल को विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्त करने की शक्ति छीनकर राज्य सरकार को यह अधिकार दिया गया था।